इंडिया गेट: भारत के वीर शहीदों की स्मृति में बना एक ऐतिहासिक स्मारक, जो दिल्ली का प्रमुख पर्यटन स्थल और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
इंडिया गेट दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में 1931 में बनाया गया था। यहाँ अमर जवान ज्योति, राष्ट्रपति भवन के दृश्य और राजपथ पर परेड देखने लायक होते हैं।
दिल्ली के मध्य में स्थित इंडिया गेट, न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह भारत के उन वीर सैनिकों की अमर गाथा का प्रतीक है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देश की रक्षा हेतु दी। यह स्थल हर भारतीय के गर्व का विषय है और दिल्ली पर्यटन का भी एक मुख्य केंद्र है। चाहे दिन हो या रात, यहाँ का माहौल देशभक्ति से ओतप्रोत रहता है। रात के समय जब इंडिया गेट रौशनी से दमकता है, तो वह दृश्य देखने वालों के मन को छू जाता है। इसके समीप स्थित अमर जवान ज्योति हर समय जलती रहती है, जो भारतीय सेना की शौर्यगाथा को दर्शाती है। अगर आप दिल्ली के स्मारक घूमने का मन बना रहे हैं, तो इंडिया गेट को अपनी सूची में सबसे ऊपर रखें, क्योंकि यहां इतिहास, सम्मान और आकर्षण – तीनों मिलते हैं।
1. इंडिया गेट का ऐतिहासिक महत्व
इंडिया गेट इतिहास की जब चर्चा होती है, तो मन अपने आप श्रद्धा से भर उठता है। इसे 1931 में ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियन्स द्वारा डिज़ाइन किया गया था। यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की स्मृति में बनाया गया था। इस स्मारक पर उन शहीदों के नाम खुदे हैं, जो भारत की धरती की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम और इसके बाद के युद्धों में भी जिन वीर जवानों ने अपनी जान गंवाई, उन्हें यह स्मारक समर्पित है। यह एक राष्ट्रीय सम्मान का स्थल बन चुका है, जहाँ हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर परेड निकलती है, जो इसकी महत्ता को और भी बढ़ाती है।
2. अमर जवान ज्योति: शौर्य का प्रतीक
1971 में भारत-पाक युद्ध के बाद, इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति की स्थापना की गई। यह एक अखंड ज्योति है जो दिन-रात जलती रहती है। इस स्मारक के चारों ओर राइफल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गई है, जो भारत के अज्ञात सैनिकों को श्रद्धांजलि देती है।
यहाँ तैनात तीनों सेनाओं के गार्ड समय-समय पर सलामी देते हैं। जब भी कोई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या विदेशी गणमान्य भारत दौरे पर आते हैं, तो वे सबसे पहले अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। यह स्थल हर देशभक्त भारतीय के हृदय में एक खास स्थान रखता है।
3. वास्तुकला और स्थापत्य कला
इंडिया गेट की ऊँचाई लगभग 42 मीटर है और यह लाल और पीले बलुआ पत्थर से निर्मित है। इसकी बनावट कहीं-कहीं रोमन ट्रायम्फल आर्क की याद दिलाती है, जो कि विजयों के सम्मान में बनाए जाते हैं। इसके चारों ओर हरियाली, फव्वारे और चौड़े पथ इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।
रात के समय जब इस पर रंग-बिरंगी रोशनी डाली जाती है, तो यह नज़ारा देखने वालों का मन मोह लेता है। कई लोग यहाँ आकर फोटोग्राफी करते हैं, तो कई सिर्फ शांति और गर्व का अनुभव करने के लिए बैठते हैं।
4. इंडिया गेट के पास के प्रमुख आकर्षण
इंडिया गेट के आसपास कई मुख्य आकर्षण हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। जैसे कि:
राजपथ: यहाँ से राष्ट्रपति भवन तक सीधी सड़क जाती है, जो गणतंत्र दिवस पर झांकी और परेड के लिए प्रसिद्ध है।
राष्ट्रपति भवन: कुछ ही दूरी पर स्थित है, जिसकी भव्यता देखना एक विशेष अनुभव है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक: नया बना यह स्थल भी भारत के शहीदों को समर्पित है और घूमने योग्य है।
कनॉट प्लेस: शॉपिंग और खाने-पीने के लिए पास का सबसे पसंदीदा स्थान।
नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट: कला प्रेमियों के लिए एक अद्भुत जगह।
5. दिल्ली पर्यटन में इंडिया गेट का स्थान
दिल्ली पर्यटन की बात करें और इंडिया गेट का जिक्र न हो, यह संभव ही नहीं। यह स्मारक हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर वर्ग के लोग यहाँ घूमने आते हैं। खासकर शाम के समय यहाँ का माहौल बहुत ही जीवंत होता है – चारों ओर परिवार, बच्चे, फुहारें, आइसक्रीम वाले, और फोटोग्राफर।
सरकार द्वारा आयोजित प्रकाश उत्सव, कला प्रदर्शनी, और संस्कृतिक कार्यक्रम भी समय-समय पर यहाँ होते रहते हैं। यदि आप भारत की राजधानी में घूमने आए हैं, तो इंडिया गेट का दौरा आपकी यात्रा को पूर्ण करता है।
Sat, 22 Mar 2025 08:15 AM