मिर्ज़ापुर के प्रसिद्ध मंदिर: धार्मिक आस्था, शक्ति पीठ और ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं।
मिर्ज़ापुर अपने धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ विंध्याचल धाम (विंध्यवासिनी माता मंदिर), अष्टभुजा देवी मंदिर, काली खो मंदिर, और तारा देवी मंदिर प्रमुख शक्ति पीठ हैं। ये स्थल भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माने जाते हैं।

मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद है, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह शहर न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, विन्यास और घाटों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के प्राचीन मंदिर और शक्तिपीठ श्रद्धालुओं के आस्था और भक्ति का केंद्र हैं।
यहाँ के मंदिरों में शक्ति की उपासना, योग और तंत्र साधना की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस लेख में हम आपको मिर्ज़ापुर के प्रमुख मंदिरों की पूरी जानकारी देंगे, जहाँ जाकर श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति और धार्मिक अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं।
1. विंध्याचल धाम (Vindhyachal Dham) – शक्ति की मूल आराधना स्थली
विंध्याचल धाम, मिर्ज़ापुर का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र शक्ति पीठ है। यह माँ विंध्यवासिनी देवी को समर्पित है, जो माँ दुर्गा का एक शक्तिशाली रूप मानी जाती हैं।
मुख्य आकर्षण:
- यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
- मान्यता है कि यहाँ भगवान विष्णु के वामन अवतार के दौरान बालकृष्ण रूप में जन्मी कन्या ने महिषासुर का वध किया था।
- नवरात्रि के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं।
- मंदिर के पास स्थित अष्टभुजा देवी और काली खो मंदिर को मिलाकर त्रिकोण रूप में माँ की उपासना होती है।
स्थान: विंध्याचल, मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश
2. काली खो मंदिर (Kali Kho Temple) – तांत्रिक साधना का प्रमुख केंद्र
काली खो मंदिर, विंध्याचल पर्वत पर स्थित है और यह माँ काली को समर्पित एक रहस्यमयी मंदिर है। इसे तांत्रिक शक्तियों की जागृत भूमि भी कहा जाता है।
मुख्य आकर्षण:
- यह मंदिर एक गुफा में स्थित है, जहाँ माँ काली की प्रतिमा स्थापित है।
- कहा जाता है कि यहाँ तांत्रिक साधना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
- नवरात्रों और अमावस्या की रात यहाँ विशेष पूजा होती है।
स्थान: विंध्याचल पर्वत, मिर्ज़ापुर
3. अष्टभुजा देवी मंदिर (Ashtabhuja Devi Mandir) – अष्टभुजाओं वाली माँ का पर्वतीय मंदिर
अष्टभुजा देवी मंदिर, मिर्ज़ापुर के विंध्य पर्वत की चोटी पर स्थित है और यह माँ दुर्गा के अष्टभुजा रूप को समर्पित है।
मुख्य आकर्षण:
- यहाँ माँ की आठ भुजाओं वाली मूर्ति विराजमान है।
- इस मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ और रोपवे की सुविधा भी है।
- यह मंदिर विंध्यवासिनी और काली खो मंदिर के साथ त्रिकोण में स्थित है, जिससे माँ का त्रिकोण शक्तिपीठ बनता है।
स्थान: विंध्य पर्वत, मिर्ज़ापुर
4. तारा देवी मंदिर (Tara Devi Mandir) – माँ तारा की दिव्य शक्ति का धाम
तारा देवी मंदिर, मिर्ज़ापुर का एक प्राचीन और आध्यात्मिक महत्व वाला शक्ति स्थल है। यह मंदिर भी तंत्र साधना और माँ की कृपा के लिए जाना जाता है।
मुख्य आकर्षण:
- यहाँ माँ तारा देवी, जो नवदुर्गा का एक रूप हैं, की पूजा होती है।
- मंदिर में गूंजता हुआ ओंकार और तंत्रमंत्र का स्वर भक्तों को अद्भुत ऊर्जा प्रदान करता है।
- भक्त यहाँ मनोकामना सिद्धि हेतु पूजा-अर्चना करते हैं।
स्थान: मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश
5. लाल भैरव मंदिर (Lal Bhairav Mandir) – शिव के रुद्र रूप का भव्य मंदिर
लाल भैरव मंदिर, भगवान शिव के भैरव रूप को समर्पित है और यह मिर्ज़ापुर के पुरातन मंदिरों में से एक है।
मुख्य आकर्षण:
- यहाँ स्थापित लाल रंग के भैरव बाबा की प्रतिमा श्रद्धा का केंद्र है।
- भक्त नवमी और भैरव अष्टमी को विशेष पूजा के लिए यहाँ आते हैं।
- यहाँ नागा साधुओं का जमावड़ा विशेष अवसरों पर लगता है।
स्थान: मिर्ज़ापुर नगर क्षेत्र
6. नारायणपुर शिव मंदिर – गंगा के किनारे शिव आराधना का केंद्र
यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ का वातावरण बेहद शांत और पवित्र होता है।
मुख्य आकर्षण:
- मंदिर में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है।
- यहाँ श्रावण मास में शिवभक्त विशेष जलाभिषेक करने आते हैं।
- गंगा घाट पर बैठकर साधना करने वालों के लिए यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है।
स्थान: नारायणपुर, मिर्ज़ापुर
7. महामृत्युंजय महादेव मंदिर – जीवन रक्षक शिव शक्ति का स्थल
यह मंदिर भगवान शिव के महामृत्युंजय रूप को समर्पित है, जहाँ लोग रोगमुक्ति और संकट से मुक्ति की कामना लेकर आते हैं।
मुख्य आकर्षण:
- नियमित रूप से महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक किया जाता है।
- मंदिर में विशेष रूप से शिवरात्रि और श्रावण मास में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
स्थान: मिर्ज़ापुर मुख्यालय के निकट