जगन्नाथपुरी में घूमने की प्रमुख जगह: एक्सप्लोर करें पुरी की प्रमुख दर्शनीय स्थलों को
मेरे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार हमारे इस नए लेख में। पुरी में घूमने के स्थल के बारे में हम आपको पूरी के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। आपसे अनुरोध है कि हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। पुरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल वैसे तो पुरी जगन्नाथ मंदिर के लिए काफी फेमस हैं, लेकिन इसके अलावा भी इस शहर में काफी कुछ देखने लायक है। आप यहां धार्मिक स्थल से लेकर प्राकृतिक नज़ारों का आनंद ले सकते हैं। यहां एक से बढ़कर एक दर्शनीय स्थल देखने को मिल जाएंगे। तो अगर आप भी पुरी भ्रमण की प्लानिंग कर रहे हैं तो यहां के बेहतरीन जगहों के बारे में जान लें।
पुरी के मंदिर भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में आते हैं। पुरी में घूमने के स्थल जगन्नाथ मंदिर के कारण ओडिशा में पुरी हिंदुओं के लिए चार जरूरी तीर्थ स्थलों में से एक हैं, जो कई अन्य मंदिरों के बीच भारत में चार धाम का हिस्सा है। पुरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल भगवान शिव के विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है, पुरी का राजसी इतिहास और विरासत तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व का है।
चलिए, इस लेख के जरिए पुरी में घूमने के स्थल के बारे में अधिक जानते हैं। पुरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल में से एक हैं जगन्नाथ मंदिर। यह मंदिर हिंदू धर्म के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है और प्रतिवर्ष लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां के आस-पास अन्य मंदिरों का भी दौरा किया जा सकता है, जैसे कि सुनार गौरंग मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर। पुरी के धार्मिक स्थल के अलावा, यहां के प्राकृतिक सौंदर्य भी अद्भुत हैं। गांधी बाँध, पुरी का एक लोकप्रिय प्राकृतिक आकर्षण है, जो समुद्र तट पर स्थित है। यहां आप समुद्र के किनारे सुखद और शांत महसूस कर सकते हैं।
इस लेख में हमने पुरी में घूमने के स्थल के कुछ मुख्य और प्रमुख दर्शनीय स्थलों का उल्लेख किया है, जो आपके पुरी की यात्रा को और भी रोचक बना सकते हैं। यहां के स्थानों का दौरा करके आप अपनी यात्रा को अद्वितीय और यादगार बना सकते हैं।
श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर
पुरी के पवित्र शहर में स्थित, जगन्नाथ मंदिर या भारत का गौरव 11 वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न द्वारा बनाया गया था। यह मंदिर पुरी में घूमने के स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। भगवान जगन्नाथ, जो भगवान विष्णु के एक रूप हैं, का यह निवास स्थान है। पुरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल में यह सबसे ऊपर है। हिंदुओं के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और बद्रीनाथ, द्वारका, और रामेश्वरम के साथ मिलकर पवित्र चार धाम यात्रा का हिस्सा है। मुख्य मंदिर के अलावा, इस परिसर में कई छोटे मंदिर हैं जो भ्रमण करते समय आपको ऐसा अनुभव कराते हैं जैसे आप भगवान के घर में ही हों। उड़िया वास्तुकला की शानदार मिसाल, जगन्नाथ पुरी मंदिर अपनी खूबसूरती से सबको मोहित करता है। इसके चार द्वारों को जटिल नक्काशी से सजाया गया है। इस मंदिर का महाप्रसाद भी एक खास आकर्षण है जिसे आपको यहां आकर कतई नहीं भूलना चाहिए। भारत की सबसे बड़ी रसोई में से एक, यहां हर दिन हजारों लोगों के लिए मिट्टी के बर्तनों में पकाए गए स्वादिष्ट भोजन को भक्तों को परोसा जाता है। यहाँ के धार्मिक त्यौहार, खासकर रथ यात्रा, बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
प्रसिद्धता: यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला, धार्मिक महत्त्व और जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का धार्मिक माहौल और आध्यात्मिक ऊर्जा श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
अनुशंसित: मंदिर में प्रार्थना करें, प्रसाद ग्रहण करें, और यहाँ की अद्वितीय मूर्तियों और चित्रकला का दर्शन करें। रथ यात्रा के दौरान यहाँ आना विशेष रूप से अनुशंसित है।
कैसे पहुंचें: पुरी रेलवे स्टेशन से मंदिर तक की दूरी लगभग 3 किमी है, जो टैक्सी या ऑटोरिक्शा से आसानी से तय की जा सकती है।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
रघुराजपुर आर्टिस्ट विलेज
रघुराजपुर, ओडिशा का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कला गाँव है। यह गाँव अपनी पारंपरिक पट्टचित्र कला के लिए प्रसिद्ध है, जो हस्तनिर्मित कागज या कपड़े पर बनाई गई चित्रकारी होती है। यहां के कलाकार धार्मिक और पौराणिक कथाओं को अपने चित्रों में उतारते हैं। रघुराजपुर आर्टिस्ट विलेज न केवल चित्रकला बल्कि गोटीपुआ नृत्य के लिए भी प्रसिद्ध है, जो एक पारंपरिक ओडिशी नृत्य शैली है। यह गाँव अपने आप में एक जीवंत कला संग्रहालय के समान है और यहाँ आने वाले पर्यटक इस कलात्मक विरासत को देख सकते हैं।
प्रसिद्धता: यह गाँव अपनी पारंपरिक पट्टचित्र कला, तलापत्र चित्रकला, और अन्य हस्तशिल्प के लिए विख्यात है। कलाकारों के साथ सीधे संवाद करने का अवसर भी यहाँ मिलता है।
अनुशंसित: यहाँ की कला कार्यशालाओं में भाग लें, स्थानीय कलाकारों से मिलें, और उनके अद्वितीय कला कृतियों को देखें या खरीदें।
कैसे पहुंचें: पुरी से लगभग 10 किमी दूर स्थित, इस गाँव तक पहुँचने के लिए टैक्सी या ऑटोरिक्शा का उपयोग किया जा सकता है।
समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
लोकनाथ मंदिर
लोकनाथ मंदिर पुरी में स्थित एक और प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपने अनूठे शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो साल के अधिकांश समय जल के नीचे डूबा रहता है। केवल पवन पुत्र हनुमान जयंती के दिन ही इस शिवलिंग का दर्शन होता है। इस मंदिर का इतिहास और महत्व भक्तों के बीच गहरा है। लोकनाथ मंदिर अपनी शांत और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है।
प्रसिद्धता: लोकनाथ मंदिर अपने अद्वितीय शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो पानी के नीचे स्थित है। यह शैव सम्प्रदाय के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
अनुशंसित: शिवरात्रि के दौरान मंदिर का दर्शन विशेष रूप से अनुशंसित है, जब विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।
कैसे पहुंचें: पुरी रेलवे स्टेशन से मंदिर तक की दूरी लगभग 2 किमी है, जो आसानी से टैक्सी या ऑटोरिक्शा से पहुँचा जा सकता है।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
विमला मंदिर
विमला मंदिर, जो जगन्नाथ पुरी मंदिर परिसर के अंदर स्थित है, देवी विमला को समर्पित है। देवी विमला को शक्ति का एक रूप माना जाता है और यह मंदिर तंत्र और शाक्त पूजा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस मंदिर का वास्तुशिल्प और शिल्पकला अत्यंत सुंदर है। यहाँ की पूजा विधि और रीतियाँ भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं। विमला मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व का भी प्रतीक है।
प्रसिद्धता: विमला मंदिर, श्री जगन्नाथ मंदिर के परिसर में स्थित है और देवी विमला को समर्पित है, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है।
अनुशंसित: देवी की आराधना करें और मंदिर की भव्य वास्तुकला का आनंद लें।
कैसे पहुंचें: पुरी रेलवे स्टेशन से यहां पहुँचने के लिए टैक्सी या ऑटोरिक्शा उपलब्ध हैं।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
पुरी बीच
भारतीय राज्य ओडिशा में स्थित, पुरी बीच अपनी सुनहरी रेत और स्वच्छ नीले पानी के लिए प्रसिद्ध है। यह समुद्र तट पुरी शहर के समीप है और इसे भारत के सबसे सुंदर समुद्र तटों में गिना जाता है। पर्यटक यहाँ समुद्र की लहरों का आनंद लेने, सूर्यास्त का दृश्य देखने और तटीय सौंदर्य का अनुभव करने आते हैं। इस स्थल पर कई सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव भी मनाए जाते हैं, जैसे कि पुरी बीच फेस्टिवल। यह स्थान पुरी में घूमने के स्थलों में से एक है और यहाँ की शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
प्रसिद्धता: पुरी बीच अपने सुनहरे रेतीले तट, साफ नीले पानी और सुंदर सूर्यास्त के दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह समुद्र तट पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
अनुशंसित: समुद्र किनारे टहलना, सूर्यास्त देखना, और स्थानीय समुद्री भोजन का स्वाद लेना।
कैसे पहुंचें: पुरी शहर के मध्य में स्थित, यह बीच शहर के किसी भी हिस्से से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
समय: खुला 24 घंटे।
साक्षी गोपाल मंदिर
साक्षी गोपाल मंदिर, जो पुरी के निकट स्थित है, हिन्दू धर्म के भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है और इसकी कहानी एक अद्भुत चमत्कार से जुड़ी हुई है। मंदिर की वास्तुकला और इसकी प्रतिमाएं अत्यंत सुंदर हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि इसका सांस्कृतिक महत्व भी है, जो इसे पुरी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल करता है।
प्रसिद्धता: यह मंदिर अपनी पौराणिक कथा और भव्य विग्रह के लिए प्रसिद्ध है। यहां की शांत और ध्यानमग्न वातावरण श्रद्धालुओं को बहुत भाता है।
अनुशंसित: मंदिर के दर्शन करना और यहाँ की पौराणिक कथाओं को जानना।
कैसे पहुंचें: पुरी से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित, यह मंदिर टैक्सी या बस सेवा से पहुंचा जा सकता है।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
गुंडिचा मंदिर
गुंडिचा मंदिर, जिसे 'गार्डन हाउस ऑफ जगन्नाथ' भी कहा जाता है, पुरी के मशहूर जगन्नाथ मंदिर के निकट स्थित है। यह मंदिर खासकर रथ यात्रा के दौरान प्रमुखता प्राप्त करता है, जब भगवान जगन्नाथ इस मंदिर में कुछ दिनों के लिए विराजमान होते हैं। मंदिर की संरचना और उसके आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य इसे पुरी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल करते हैं।
प्रसिद्धता: यह मंदिर जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान विशेष महत्व रखता है, जब भगवान जगन्नाथ यहां नौ दिनों के लिए विराजमान होते हैं। इसका सुंदर गार्डन और शांत वातावरण प्रमुख आकर्षण हैं।
अनुशंसित: रथ यात्रा के दौरान यहाँ का दर्शन करना और मंदिर के उद्यान का आनंद लेना।
कैसे पहुंचें: पुरी शहर के भीतर स्थित, यह मंदिर शहर के किसी भी भाग से सुलभ है।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
मार्कंडेश्वर मंदिर
मार्कंडेश्वर मंदिर, जो पुरी में स्थित है, भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास और मिथक काफी गहरा है। मंदिर की वास्तुकला और शिल्पकला दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। यह मंदिर अपनी शांति और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है और पुरी के धार्मिक स्थलों में से एक है।
प्रसिद्धता: यह मंदिर अपनी प्राचीन वास्तुकला और शैव संप्रदाय से संबंधित होने के लिए विख्यात है। इसके शांत और आध्यात्मिक वातावरण से श्रद्धालु प्रभावित होते हैं।
अनुशंसित: मंदिर के दर्शन करना और इसकी प्राचीन वास्तुकला का अवलोकन करना।
कैसे पहुंचें: पुरी शहर के भीतर स्थित, यह मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
अलरनाथ मंदिर
अलरनाथ मंदिर, पुरी से कुछ ही दूरी पर स्थित, भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र मंदिर है। इस मंदिर का विशेष महत्व तब बढ़ जाता है जब जगन्नाथ मंदिर वार्षिक अनुष्ठान के लिए बंद होता है और भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर की प्राचीनता और उसका आध्यात्मिक महत्व इसे पुरी के यात्रा स्थलों में विशेष बनाता है।
प्रसिद्धता: यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार अलरनाथ को समर्पित है और इसकी वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे विशेष बनाते हैं।
अनुशंसित: यहाँ के दर्शन करना और मंदिर की शांति और आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव करना।
कैसे पहुंचें: पुरी से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित, इस मंदिर तक टैक्सी या बस सेवा से पहुंचा जा सकता है।
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
Sun, 03 Mar 2024 12:38 AM