Last Update: 22-01-2025 00:35:07
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दशहरा 2024: नीलकंठ को देखना क्यों माना जाता है शुभ? क्या जानते है आप .. आइए समझते हैं..

दशहरा 2024: नीलकंठ को देखना क्यों माना जाता है शुभ? क्या जानते है आप .. आइए समझते हैं.. image..

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत में प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। इस दिन को अच्छाई की बुराई पर विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, खासतौर से भगवान राम द्वारा रावण के वध की कथा से जोड़ा जाता है। दशहरा का दिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, जिनमें से एक प्रमुख मान्यता है कि नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ होता है। आइए समझते हैं कि आखिर यह क्यों माना जाता है और इससे जुड़ी मान्यताएं क्या हैं।

नीलकंठ पक्षी और धार्मिक महत्व

नीलकंठ पक्षी, जिसे अंग्रेजी में Indian Roller कहा जाता है, भारत में पाई जाने वाली एक खास प्रजाति है। इसे भगवान शिव का प्रिय पक्षी माना जाता है, और इसका नाम भी शिव के एक अवतार ‘नीलकंठ’ से लिया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब विष निकला, तब भगवान शिव ने उसे ग्रहण कर लिया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया। इस घटना से भगवान शिव को नीलकंठ कहा जाने लगा।

नीलकंठ पक्षी को देखना, खासकर दशहरा के दिन, भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि यह पक्षी संकटों को दूर करता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है।

दशहरा पर नीलकंठ को देखना शुभ क्यों माना जाता है?

  • अच्छाई की विजय का प्रतीक: दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। नीलकंठ को देखने का अर्थ होता है कि हम भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं, जो जीवन के कष्टों और बुराइयों को समाप्त कर सुख और समृद्धि लाते हैं।
  • शांति और समृद्धि का संदेश: नीलकंठ पक्षी को देखने का अर्थ यह भी होता है कि जीवन में सकारात्मकता और शांति का आगमन हो रहा है। इस दिन इस पक्षी को देखना इस बात का संकेत माना जाता है कि आने वाले समय में अच्छे परिणाम होंगे।
  • धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: कई क्षेत्रों में दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी की पूजा की जाती है। लोग इसे देखकर भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते हैं और अच्छे भविष्य की कामना करते हैं। यह मान्यता है कि दशहरा के दिन नीलकंठ को देखने से जीवन में सभी कार्य सफल होते हैं।

प्राचीन कथाएँ और मान्यताएँ

प्राचीन समय से ही दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को देखने की परंपरा रही है। इस दिन राजा और योद्धा युद्ध के लिए प्रस्थान करने से पहले नीलकंठ को देखते थे, ताकि उन्हें विजय प्राप्त हो। इसका प्रतीकात्मक अर्थ है कि नीलकंठ की उपस्थिति अच्छाई की जीत और बुराई के अंत का संकेत देती है।

नीलकंठ से जुड़ी वैज्ञानिक मान्यताएं

नीलकंठ पक्षी की सुंदरता और इसके प्राकृतिक रंग इसे खास बनाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह पक्षी वातावरण में संतुलन का प्रतीक है। दशहरे के मौसम में, खासकर शरद ऋतु के दौरान, यह पक्षी आसानी से देखा जा सकता है। हालांकि इसकी धार्मिक मान्यता अधिक प्रचलित है, परंतु यह पक्षी प्राकृतिक सौंदर्य का भी प्रतीक है।

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