समर डेस्टिनेशन: रणथंभौर नेशनल पार्क - घूमने का है शौक? तो प्लान करें अपनी अगली ट्रिप और समर डेस्टिनेशन के साथ एडवेंचर का मजा लें
रणथंभौर नेशनल पार्क: समर डेस्टिनेशन के साथ एडवेंचर का मजा
गर्मियों में नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय होता है। इस मौसम में यहां का दौरा करना न केवल आनंददायक होता है, बल्कि आप यहां के जंगली जानवरों को भी आसानी से देख सकते हैं। दिल्ली के नजदीक स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क फैमिली के साथ दो से तीन दिनों की छुट्टियों को मजेदार बनाने के लिए एक आदर्श स्थान है।
अगर आप गर्मियों में फैमिली या दोस्तों के साथ घूमने के लिए ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं, जहां जाने के लिए ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े और जो मौज-मस्ती के हिसाब से बेहतरीन हो, तो रणथंभौर का प्लान बना सकते हैं।
रणथंभौर राजस्थान की राजधानी जयपुर के समीप सवाई माधोपुर के पास स्थित है। यह विंध्य के पठार और अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है, और इसके उत्तर में बनास नदी और दक्षिण में चंबल नदी बहती है। इसे 1955 में सवाई माधोपुर शिकारगाह के नाम से स्थापित किया गया था और 1980 में रणथंभौर अभ्यारण नाम दिया गया। यहां पहले बहुत सारे बाघ होते थे और राजा-महाराजा उनके शिकार के लिए आते थे। बाद में बाघों की घटती संख्या के कारण इसे अभ्यारण्य घोषित कर दिया गया। आज यह रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है और यह न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
रणथंभौर किला
रणथंभौर किला को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह किला रणथंभौर नेशनल पार्क के अंदर स्थित है और इसे 944 ईसा पूर्व में निर्मित किया गया था। यह किला जयपुर राजपरिवार के पास था और इसे वन राजाओं के शिकार की जगह के रूप में उपयोग किया जाता था। रणथंभौर किला एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जो अपनी वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। किले की उंची दीवारें, विशाल द्वार और पुरानी इमारतें इसे एक रोचक पर्यटन स्थल बनाती हैं। यहां से पूरे पार्क का दृश्य बहुत ही शानदार दिखाई देता है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर
रणथंभौर किले के प्रवेश द्वार के पास स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर एक प्राचीन और विशेष मंदिर है। यह पूरे भारत में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां गणेश जी की त्रिनेत्र वाली प्रतिमा स्थापित है। उनके साथ ही उनकी पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की मूर्तियां भी यहाँ विराजमान हैं। किसी भी आयोजन से पहले लोग इस मंदिर में डाक के द्वारा गणेश जी को निमंत्रण पत्र भेजते हैं, जिसे मंदिर के पुजारी द्वारा भगवान की प्रतिमा के सामने पढ़ा जाता है। यह प्रथा इस मंदिर की अनूठी विशेषता है और इसे पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय बनाती है। यहाँ आकर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कचिदा घाटी
टाइगर रिजर्व के पास स्थित कचिदा घाटी रणथंभौर जीप सफारी के दौरान देखी जा सकती है। यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जंगली जानवरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां तेंदुए, भालू और अन्य जंगली जानवर आसानी से देखे जा सकते हैं। ऊंची-नीची पहाड़ियों के बीच छोटे-छोटे तालाब और दूर तक फैली हरियाली इस घाटी की खूबसूरती को और बढ़ा देती है। कचिदा घाटी वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां की शांत और सुरम्य वातावरण में समय बिताना एक अद्भुत अनुभव होता है।
जोगी महल
जोगी महल पहले जयपुर राजपरिवार का विश्राम स्थल था, जहां वे शिकार के बाद आराम करते थे। यह महल आकार में छोटा है लेकिन इसकी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। महल के पास स्थित बरगद का पेड़ भारत का दूसरा सबसे बड़ा वृक्ष है, जो यहां का एक और प्रमुख आकर्षण है। जोगी महल का वातावरण और इसके आसपास का दृश्य बहुत ही आकर्षक है, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। इस महल की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह रणथंभौर का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
कैसे जाएं?
दिल्ली से जयपुर तक हवाई जहाज से पहुंचा जा सकता है और वहां से गाड़ी या ट्रेन से सवाई माधोपुर जा सकते हैं। यह जयपुर से 180 किलोमीटर की दूरी पर है। ट्रेन से आने के लिए सवाई माधोपुर स्टेशन उतरना होता है, जहां से रणथंभौर सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
कब जाएं?
गर्मियों में अप्रैल से जून तक जाने का सबसे अच्छा समय है। इस समय आप आसानी से जंगली जानवरों को देख सकते हैं। मानसून के दौरान यहां के कई हिस्से सुरक्षा के चलते बंद कर दिए जाते हैं। इसलिए गर्मियों में यहां आकर आप रणथंभौर नेशनल पार्क का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
Fri, 17 May 2024 10:34 AM