विश्व पर्यटन दिवस 2024: क्या है पर्यटन और क्यों जरुरी है पर्यटन हमारी जिंदगी में आज हम बताते है डिटेल में ..
विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पर्यटन के महत्व को समझाना और इसे बढ़ावा देना है। 2024 में इस दिन की थीम "पर्यटन और शांति" है, जो यह दर्शाता है कि यात्रा कैसे सांस्कृतिक विभाजन को मिटाने, मेल-मिलाप को प्रोत्साहित करने और विश्व शांति को बढ़ावा देने में मदद करती है। पर्यटन केवल मनोरंजन और आनंद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यात्रा के दौरान, विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों के लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, जिससे उनके बीच आपसी समझ और सम्मान का विकास होता है। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान आपसी सहयोग और सद्भावना को प्रोत्साहित करता है, जो अंततः विश्व शांति की दिशा में काम करता है।
इस थीम के तहत, पर्यटन को एक ऐसे माध्यम के रूप में देखा जा रहा है, जो देशों के बीच तनाव को कम कर सकता है। यात्रा के माध्यम से लोग न केवल विभिन्न संस्कृतियों और स्थानों के बारे में सीखते हैं, बल्कि उन्हें यह भी समझ में आता है कि हम सभी एक साझा मानवता का हिस्सा हैं। इससे सांस्कृतिक विभाजन को समाप्त करने और एक शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए नई संभावनाएं उत्पन्न होती हैं। पर्यटन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है, और शांति की स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब लोग नए स्थानों पर जाते हैं और नई संस्कृतियों से जुड़ते हैं, तो यह उनके दृष्टिकोण को व्यापक करता है, जिससे वे सहिष्णुता और भाईचारे के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। इस प्रकार, विश्व पर्यटन दिवस 2024 का विषय हमें यह सिखाता है कि शांति को बढ़ावा देने के लिए सतत और जिम्मेदार पर्यटन की दिशा में कैसे काम किया जाए।
पर्यटन के प्रकार
पर्यटन के कई प्रकार होते हैं, जो पर्यटकों की विभिन्न रुचियों और उद्देश्यों के आधार पर भिन्न होते हैं। प्रत्येक प्रकार का पर्यटन विशेष अनुभव और आनंद प्रदान करता है, और दुनिया की विविधता का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर होता है। पर्यटन के प्रमुख प्रकारों में सांस्कृतिक, धार्मिक, प्राकृतिक और एडवेंचर पर्यटन शामिल हैं।
- सांस्कृतिक पर्यटन: यह पर्यटन का एक ऐसा रूप है, जिसमें पर्यटक किसी स्थान की संस्कृति, कला, इतिहास और रीति-रिवाजों को समझने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से, लोग स्थानीय धरोहरों, परंपराओं और इतिहास को करीब से जानने का अवसर पाते हैं। उदाहरण के तौर पर, भारत के जयपुर, हम्पी, और अमृतसर जैसे स्थान सांस्कृतिक पर्यटन के मुख्य केंद्र माने जाते हैं।
- धार्मिक पर्यटन: इस प्रकार के पर्यटन में लोग धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं। भारत में धार्मिक पर्यटन के कई केंद्र हैं, जैसे कि वरणासी, अमृतसर, और पुरी। इन स्थानों पर पर्यटक आध्यात्मिक शांति और धार्मिक अनुष्ठानों का अनुभव करने आते हैं। धार्मिक पर्यटन न केवल व्यक्तिगत शांति प्रदान करता है, बल्कि यह लोगों को उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों से भी जोड़ता है।
- प्राकृतिक पर्यटन: इस प्रकार के पर्यटन में लोग प्रकृति के करीब जाने के लिए यात्रा करते हैं। जैसे कि ऋषिकेश, मैक्लॉडगंज, और कसोल, जहां पर्यटक पर्वतों, जंगलों और समुद्र तटों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं। यह पर्यटन मानसिक शांति और ताजगी प्रदान करता है, क्योंकि लोग अपनी रोजमर्रा की जीवनशैली से दूर होकर प्रकृति की गोद में समय बिताते हैं।
- एडवेंचर पर्यटन: यह रोमांच प्रेमियों के लिए एक आदर्श प्रकार का पर्यटन है, जिसमें पर्यटक साहसिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, जैसे कि रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, और ट्रेकिंग। ऋषिकेश और कसोल एडवेंचर पर्यटन के प्रमुख स्थल हैं। यह पर्यटन पर्यटकों को शारीरिक और मानसिक चुनौती का सामना करने का अवसर देता है।
पर्यटन का महत्त्व
- आर्थिक योगदान
पर्यटन दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। यह लाखों नौकरियों का सृजन करता है और कई देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है। पर्यटन उद्योग से मिलने वाली आय सरकारों को कर के रूप में मिलती है, जिससे स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलता है। - सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
पर्यटन से न केवल आर्थिक लाभ होते हैं, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भी मदद करता है। सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से पर्यटक उन स्थलों की यात्रा करते हैं, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं। - पर्यावरण संरक्षण
आज के समय में पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण विषय है। सतत पर्यटन (Sustainable Tourism) का उद्देश्य पर्यटकों को प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार पर्यटन से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सशक्त बनाया जाता है।
पर्यटन और शांति का योगदान
पर्यटन केवल आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक प्रमुख माध्यम भी है। पर्यटन के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों और समाजों के लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, जिससे उनके बीच आपसी समझ और सम्मान का विकास होता है। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान लोगों के दृष्टिकोण को व्यापक करता है और उन्हें सहिष्णुता, सह-अस्तित्व और शांति की दिशा में प्रेरित करता है। पर्यटन के माध्यम से, अलग-अलग पृष्ठभूमि और संस्कृति के लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भावना को प्रोत्साहन मिलता है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि पर्यटन शांति को बढ़ावा देता है और इसे अंतर्राष्ट्रीय मेल-मिलाप के एक प्रभावी माध्यम के रूप में देखा जा सकता है।
विश्व पर्यटन दिवस की थीम्स का विकास
- 2024 - पर्यटन और शांति (Tourism and Peace)
इस वर्ष का विषय पर्यटन के शांति में योगदान को उजागर करता है। विभिन्न संस्कृतियों और लोगों के बीच समझ और संवाद को बढ़ावा देने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। - 2023 - पर्यटन और हरित निवेश (Tourism and Green Investments)
पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देना, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करे। पर्यटन उद्योग को हरित निवेशों के जरिए पर्यावरणीय दृष्टिकोण से विकास करना चाहिए। - 2022 - पर्यटन का पुनर्विचार (Rethinking Tourism)
कोविड-19 के बाद पर्यटन को एक नई दिशा देने पर जोर दिया गया। इसमें डिजिटल पर्यटन और स्थिरता को प्रमुखता दी गई। - 2021 - समावेशी विकास के लिए पर्यटन (Tourism for Inclusive Growth)
पर्यटन को सभी लोगों के लिए अवसर प्रदान करने वाला बनाया गया, विशेषकर उन समुदायों के लिए जिन्हें विकास की मुख्यधारा से बाहर रखा जाता है। - 2020 - पर्यटन और ग्रामीण विकास (Tourism and Rural Development)
इस वर्ष का विषय ग्रामीण इलाकों में पर्यटन के महत्व पर आधारित था, जो स्थानीय रोजगार सृजित करता है और गरीबी उन्मूलन में सहायता करता है।
भारत के पर्यटन स्थल
- ऋषिकेश, उत्तराखंड: यह स्थल एडवेंचर और धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। गंगा नदी के किनारे स्थित ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग और योग जैसे आध्यात्मिक अनुभव सस्ते में मिलते हैं। यहां रहने और खाने की सुविधा किफायती है और गंगा के किनारे बैठकर आप शांति का अनुभव कर सकते हैं।
- वरणासी, उत्तर प्रदेश: वरणासी अपने धार्मिक महत्व और गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां का वातावरण आध्यात्मिक शांति और धार्मिक अनुभव प्रदान करता है। यहां आप सस्ते आश्रमों और धर्मशालाओं में ठहर सकते हैं और यहां का स्वादिष्ट खाना भी बेहद किफायती दामों पर उपलब्ध है।
- जयपुर, राजस्थान: गुलाबी नगरी के नाम से प्रसिद्ध जयपुर में आपको ऐतिहासिक धरोहरों और महलों का अनुभव किफायती दामों पर मिलता है। हवा महल, आमेर किला, और सिटी पैलेस जैसे स्थल यहां की प्रमुख पर्यटन आकर्षण हैं, जहां का प्रवेश शुल्क भी बजट के अनुरूप होता है।
- मैक्लॉडगंज, हिमाचल प्रदेश: मैक्लॉडगंज तिब्बती संस्कृति का एक अद्भुत स्थल है। यहां के मठ और प्राकृतिक दृश्य एक शांत और सस्ता पर्यटन विकल्प प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यहां के तिब्बती हस्तशिल्प भी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं।
- गोवा: भारत का गोवा समुद्र तटों और नाइटलाइफ के लिए प्रसिद्ध है। यह कम बजट में घूमने का आदर्श स्थल है, जहां रहने और खाने की किफायती सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां के समुद्री खेल और बीच पार्टियां भी बजट में शामिल हो सकती हैं।
पर्यटन की आवश्यकता
पर्यटन का यदि सही प्रबंधन नहीं किया गया तो यह पर्यावरण और स्थानीय परंपराओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, सतत पर्यटन (Sustainable Tourism) का विकास महत्वपूर्ण है, ताकि पर्यटन के लाभ उठाते समय पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।
कोविड-19 के बाद पर्यटन का पुनर्निर्माण
कोविड-19 ने पर्यटन उद्योग पर गहरा असर डाला है। लेकिन अब जैसे-जैसे दुनिया सामान्य हो रही है, पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पर्यटन को फिर से बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे न केवल पर्यटकों को सुरक्षित अनुभव मिलता है, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी संजीवनी मिलती है।
Fri, 27 Sep 2024 09:17 AM